त्रिकोणीय हुआ अमरोहा लोकसभा
क्षेत्र का चुनावी मुकाबला
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र की चुनावी रणभूमी जैसे जैसे करीब आ रही वैसे ही यहां की सियासत परवान चढ़ रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी से सचिन चौधरी ने चुनावी मैदान मे आकर गठबंधन और भाजपा के समीकरण बिगाड़ दिये हैं। वहीं कांग्रेस ने सालों बाद अमरोहा लोकसभा क्षेत्र से क्षेत्रीय, युवा और क्षेत्र मे मजबूत पकड़ रखने वाले सचिन चौधरी को अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान मे उतारकर जहां लोकसभा क्षेत्र का चुनाव दिलचस्प कर दिया है। वहीं अमरोहा मे अब चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बन गये है। क्योंकि कांग्रेस ने पहले यहां से राशिद अल्वी को अपना उम्मीदवार बनाया था और वे मुस्लिम थे। बसपा ने पहले ही कुंवर दानिश अली को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। ऐसे मे दो मुस्लिम प्रत्याशियों के चुनावी मैदान मे होने से सीधे सीधे भाजपा को लाभ पहुंचने की संभावना थी। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों ने राशिद अल्वी को टिकट ना देकर सचिन चौधरी को चुनावी मैदान मे उतारने की सिफारिश हाईकमान से की थी। क्योंकि सचिन चौधरी सालों से अमरोहा की अवाम की आवाज को बुलंद कर रहे हैं और अमरोहा मे हुए शौचालय घोटाले को उजागर करने का श्रेय भी सचिन चौधरी को ही जाता है। इसी के चलते कांग्रेस हाईकमान ने अपना फैसला बदलते हुए सचिन चौधरी को चुनावी मैदान मे उतारा। वर्तमान मे अमरोहा लोकसभा क्षेत्र मे सचिन के चुनावी मैदान मे आने से जहां चुनाव त्रिकोणीय होने के आसार बन गये हैं वहीं वर्षों बाद कांग्रेस ने अमरोहा लोकसभा मे युवा और क्षेत्रीय प्रत्याशी उताकर अपने वजूद को बचाने का प्रयास भी किया है। क्योंकि अमरोहा लोकसभा क्षेत्र मे सचिन चौधरी की पकड़ मजबूत बताई जा रही है। चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो भाग्य के गर्भ मे छिपा है। लेकिन सचिन चौधरी ने चुनावी रणभूमी मे उतरकर जहां गठबंधन और भाजपा प्रत्याशी के समीकरण बिगाड़े हैं वहीं सचिन मुस्लिम मतदाताओं मे भी सेंध लगाने मे कामयाब हो रहे हैं।
सूत्रों के हवाले से