कुछ रोचक जानकारियां इलायची के गुण एवं उपचार
आयूर्वेद
आधा ग्राम छोटी इलायची के पीसे हुए दाने, 3 ग्राम सूखे हुए धनिये का चूर्ण और 2 ग्राम कूटी हुई बारीक मिश्री- इन सभी पदार्थों को अच्छी तरह से मिलाकर इसकी समान मात्रा में पुड़िया बना लें। इस मिश्रण को सुबह के समय ताजे पानी के साथ सेवन करते रहें। इसका सेवन करते रहने से स्वप्नदोष के रोग में जल्दी ही लाभ मिलता है। इमलीः आयुर्वेद
दूध में इमली के बीजों को भिगोकर इमली की निकाली हुई गिरियों में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर अच्छी तरह से कूट-पीसकर मटर के दाने की तरह गोलियां बनाकर अपने पास रख लें। इसके बाद समान मात्रा में 1-1 गोली कुछ दिनों तक प्रयोग करते रहने से स्वप्नदोष जैसी समस्या समाप्त हो जाती है। इस मिश्रण का सेवन करते रहने तक तले-भूने तथा अधिक मिर्च-मसालों वाले पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
श्वेत प्रदर: आयुर्वेद
महिलाओं के श्वेत प्रदर में वंशलोचन (नीली धारी वाली), छोटी इलायची, नागकेशर प्रत्येक को 50-50 ग्राम की मात्रा में लेकर इन्हें बारीक पीसकर इसमें 150 ग्राम पिसी हुई मिश्री को मिलाकर रख लें। इस बने मिश्रण को 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 2 बार मलाईयुक्त दूध के साथ लेते हैं। लगातार 2 महीने तक लेने से श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है
आयुर्वेद:
मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में कष्ट या जलन)
इलायची के दानों का चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) में लाभ मिलता है।
Naturopathy physician and physiotherapist
Dr Suresh Singh Raghuvanshi