त्योहार पर मिलावट का खेल शुरू,चार दिन में लिये चन्द नमूने

 


 


 


 


त्योहार पर मिलावट का खेल शुरू,चार दिन में लिये चन्द नमूने


जौनपुर


दीपावली के त्योहार पर मिलावट का बाजार गर्म हो गया है। दशहरा से पहले मिलावटखोरों ने जिले भर में धंधा तेज कर दिया था। खाद्य सुरक्षा विभाग अब तक शांत बैठा रहा। चार दिन पहले कार्रवाई शुरू की गई और कच्छप गति से नमूने लेने के काम को अंजाम दिया है। अभी तक चन्द दुकानों से ही नमूने लिये गये है। 
   बीते साल दीपावली पर आधे से अधिक नमूने फेल हो गए थे। इस बार शुरुआत की गई। पनीर, मिठाई, खोवा के नमूने लेने तक अभियान सिमटकर रह गया।
   किराना की दुकान पर भी कई वस्तुओं में जमकर मिलावट हो रही है। उस पर विभाग बहुत ही कम ध्यान देता है। सूत्रों का कहना है कि  विभाग के भरोसे न रहे घर पर भी जांच कर सकते है। खोया पानी में घोलने पर नकली खोया टुकड़ों में बट जाता हैं। असली खोया पानी में घुल जाता है। इसके अलावा घरेलू साधनों से मिठाई की शुद्धता का पता नहीं किया जा सकता। इसके लिए मिठाई पर टिचर आयोडिन की 5-7 बूंदे डाल कर देखें। यदि रंग नीला हो जाएं तो मिलावट है।
      दूसरा तरीका यह है कि मिठाई पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 5-6 बूंदें डालें। यदि रंग लाल हो जाएं तो मिलावट है।  पनीर का एक छोटा सा टुकड़ा हाथ में लेकर उसे मसल कर देखिए। यदि यह टुकड़ा बिखर जाता हैं तो समझ जाइए कि पनीर में मिलावट की गई हैं।
  पनीर में जो केमिकल मिलाया जाता हैं वो दबाव सहन नहीं कर पाता इस कारण पनीर टूट जाता हैं। चांदी के वर्क में एल्युमिनियम की मिलावट की जाती हैं। यदि चांदी के वर्क को जलाने पर वह उतनी ही मात्रा में छोटी सी गेंद के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं तो वह असली है।
    यदि मिलावटी है तो जलाने पर गहरे ग्रे रंग का अवशेष बचेगा। असली चांदी का वर्क एकदम पतला होता है। नकली चांदी का वर्क थोड़ा मोटा होता हैं। किसी भी मिठाई पर लगा चांदी का वर्क उंगलियों पर लेकर मसलिए। यदि यह हाथ पर नहीं चिपकता और गायब हो जाता है तो यह असली होता हैं। एक छोटी चम्मच चावल एक ग्लास पानी में डालकर थोड़ी देर चलाइए। थोड़ी देर बाद यदि चावल पानी की सतह पर तैरने लगे तो समझ जाइए कि वो पूरी तरह नकली यानी प्लास्टिक से बना हैं। असली चावल पानी में डूब जाएगा। 
   ज्ञात हो कि प्रकाश पर्व की तैयारियां चल रही हैं। बाजार भी तैयार हो रहे हैं। मिलावटी खाद्य सामग्रियों के साथ ही नामी ब्रांड को भुनाने में उपभोक्ता पिस रहे हैं। दुकानदार उन्हें सस्ते का लालच दे रहे हैं। थोड़े से फायदे के लिए उपभोक्ता बाजार से मिलावटी सामान ला रहे हैं। दूध में पानी मिलाने की शिकायतें आम हैं। इसमें स्टार्च भी मिलाया जा रहा है। इसे दूध को गाढ़ा करने के लिए मिलाया जाता है। स्टार्च में सिघाड़े का आटा, अरारोट आदि सामग्री आती है। खोवा व पनीर में भी दूध के पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसके अतिरिक्त बाजार में एक ही नाम से कई ब्रांड के सामान बिक रहे हैं। जिससे उपभोक्ता भी ऊहाफोह में फंस जा रहे हैं। दूध से क्रीम निकालने का भी कारोबार फल फूल रहा है।