विद्युत संविदा मीटर रीडिंग वर्कर यूनियन ने आक्रोशित होकर अधिशासी अभियंता को सौंपा ज्ञापन
बिना कारण हटाए गए संविदा विद्युत मीटर रीडरों को 30 तारीख तक नौकरी पर पुनः बहाल न करने पर आंदोलन की चेतावनी
- उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ जहां बिजली विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए एक के ऊपर एक कार्रवाई करती जा रही है वहीं दूसरी ओर शाहजहांपुर में भ्रष्टाचार बिजली विभाग में रुकने का नाम नहीं ले रहा है चाहे वह आम जनमानस को लेकर हो या फिर अपने ही विभाग के संविदा कर्मियों को लेकर हो हर जगह भ्रष्टाचार में लिप्त विद्युत विभाग के कर्मचारी अपनी ही गलतियों को दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़ देते हैं संबंधित अधिकारियों से जब इस संबंध में बात की जाए तो उनका कहना होता है कि यह काम माननीय मंत्री जी या विधायक जी ने करवा दिया है जबकि संबंधित विधायक, मंत्री और सांसद से इस संबंध में जानकारी ली जाए तो उनको इस संबंध में कोई जानकारी तक नहीं होती है विद्युत विभाग के अधिकारी इस तरह से अंधेर नगरी की तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुके हैं कि उनको किसी भी कानून और कायदे का डर नहीं है क्यों न भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार हो बिजली विभाग में हुए घोटाले को लेकर सक्रियता से उन्होंने कार्रवाई की है जांचें होती जा रही हैं एक के बाद एक को कानून के माध्यम से कटघरे में खड़ा किया जा रहा है ।
लेकिन उसके बाद भी तहसील और जिला स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्यशैली में सुधार करने का नाम नहीं ले रहे हैं अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्युत संविदा मीटर रीडिंग वर्कर यूनियन ने उच्चाधिकारियों से ज्ञापन देकर मांग की है कि मीटर रीडिंग के वर्करों को बिना नोटिस बिना किसी वजह के उनकी संविदा समाप्त कर नौकरी से बाहर कर दिया है।
जिसकी मांग को लेकर यूनियन ने अधिशासी अभियंता को लिखित ज्ञापन में बताया है कि विद्युत संविदा मीटर रीडरों का आर्थिक व मानसिक शोषण अभी भी खत्म नहीं हो रहा है जबकि इसकी शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है, प्रबंधन का पूरा संरक्षण प्राप्त होने के कारण श्रमिकों और मीटर रीडरों पर अत्याचार नहीं खत्म हो पा रहा है किसी भी मीटर रीडर को प्रबंधन द्वारा श्रम व अन्य अधिनियम की धाराओं का पालन नहीं किया जा रहा है जिसकी जांच की जानी चाहिए और श्रम कंपनी द्वारा चाहे जब अपनी मर्जी के बिना गलती के निकाल दिया जाता है जिसे खत्म किया जाना चाहिए जिन मीटर रीडरों को कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के नाम से निकाला गया है मंत्री की छवि को धूमिल किया गया है।
मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए और संविदा मीटर रीडरों को 30 तारीख तक बहाल किया जाए, अगर ऐसा नहीं होता है तो यूनियन धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी जिसके जिम्मेदार विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारी होंगे l इस अवसर पर आशीष कुमार अवधेश कुमार राघवेंद्र शुक्ला सत्यम मिश्रा अरुण कुमार अमरीश कुमार अतुल कनौजिया मोहम्मद गुफरान विजय कुमार आदि रहे l