आखिर कब नींद से जागेंगे सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारी जो नहरों की जमीन होगी खाली

 


आखिर कब नींद से जागेंगे सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारी , जो नहरों की जमीन होगी खाली


तिकुनियां/खीरी




  • आखिर कब नींद से जागेंगे सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारी जो नहरों की जमीन होगी खाली जिससे बचेगी पशु पंछी, विशाल काय जंगली जानवरों व गरीबों की जाने क्यों नहीं दे रहा है प्रसासन इस पर ध्यान सरकार के मंसूबो पर अधिकारी चंद रुपयों के लालच में  कई वर्षों से फेर रहे है पानी


थाना तिकुनियां /


खैरटिया नया पिंड से सटे करीब 1000 एकड़ जमीन है जो 7 करीब 700 एकड़ जमीन जो खंड सिचाई सारदा नगर की झील झरनों के नाम पर दर्ज है शेष जमीन राजस्व विभाग जो सीलिंग की है बताते चलें कि जो जमीन खंड शारदानगर सिचाई विभाग की है उस पर कुछ वर्ष पहले विशाल काय झीलें हुआ करती थी जिसका अस्तित्व बहुत बड़ा हुआ करता था जिस पर विदेशों से आये हुए सायरन पछियो का निवाश हुआ करता था जो मनोरंजन के लिए लोग दूसरे जिलों से आकर लोग डेरा जमा कर घूम2 कर मनोरंजन करते थे काफी घास फूस व जंगली हांथी शेर चीता ,रीछ हांथी हिरण जो इसी झरनों में अपनी प्यास बुझाया करते थे जिस जमीन को कुछ नाम चीन लोगो ने मिलकर धरती का सीना चीर कर उस प करोड़ो रुपयों की फसले दैनिक जनएक्सप्रेस अपडेट


तिकुनियां/खीरी
आखिर कब नींद से जागेंगे सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारी जो नहरों की जमीन होगी खाली जिससे बचेगी पशु पंछी, विशाल काय जंगली जानवरों व गरीबों की जाने क्यों नहीं दे रहा है प्रसासन इस पर ध्यान सरकार के मंसूबो पर अधिकारी चंद रुपयों के लालच में  कई वर्षों से फेर रहे है पानी


थाना तिकुनियां /के खैरटिया नया पिंड से सटे करीब 1000 एकड़ जमीन है जो करीब 700 एकड़ जमीन जो खंड सिचाई सारदा नगर की झील झरनों के नाम पर दर्ज है शेष जमीन राजस्व विभाग जो सीलिंग की है बताते चलें कि जो जमीन खंड शारदानगर सिचाई विभाग की है उस पर कुछ वर्ष पहले विशाल काय झीलें हुआ करती थी जिसका अस्तित्व बहुत बड़ा हुआ करता था जिस पर विदेशों से आये हुए सायरन पछियो का निवाश हुआ करता था जो मनोरंजन के लिए लोग दूसरे जिलों से आकर लोग डेरा जमा कर घूम2 कर मनोरंजन करते थे काफी घास फूस व जंगली हांथी शेर चीता ,रीछ हांथी हिरण जो इसी झरनों में अपनी प्यास बुझाया करते थे जिस जमीन को कुछ नाम चीन लोगो ने मिलकर धरती का सीना चीर कर घास फूस को नष्ट किया बाद में झीलों को पटाई करवा दी अब उस पर कई दिग्गज किसानों ने करीब 5 वर्षो से जुताई कर धान गेंहू की फसलें पैदा कर करोड़ो रुपयों की फसले उगा रहे है फसलें बचाने के लिए दिग्गज लोगो ने सैकड़ो लोगो को फसल बचाने के लिए मजदूर रख्खे है जो जानवरों को मारने का काम करते हैं जो जमीन उन्ही जानवरो का कुछ साल पहले उनका घर हुआ करते थे आज जब अपने असियनो मे जाते है तो उनको भगया जाता है या अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है ऐसे में कहाँ गया वन विभाग ,सिंचाई विभाग इनको तो केवल अपनी जेब भरने से मतलब है न कि कार्यवाही करने से बार बार खबर पेपरों में छपने के बाद भी प्रसाशन नही दे रहा ध्यान