गन्ने की पत्ती जलाने की घटना प्रकाश में आने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही

गन्ने की पत्ती जलाने की घटना प्रकाश में आने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही की जायेगी:- जिलाधिकारी




  • हरदोई, संवाददाता


जिलाधिकारी पुलकित खरे ने अवगत कराया है कि जनपद में पिछलें दिनों धान की कटाई हरर्वेस्टर से करने के बाद किसानों द्वारा धान की पराली में आग लगा दी जाती थी, जिसको रोकने के लिए काफी प्रभावी कार्यवाही में किसानों पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ जुर्माना भी लगाया गया, हार्वेस्टर सीज किये गये और हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा रीपर अनिवार्य रूप से लगा दिया गया एवं हार्वेस्टर से कटाई के बाद बेलर मशीन से 1260 कु0 धान की पराली को इकट्ठा कर गटर बनाकर निकट की गौशालाओं में पशुओं के चारा के लिए उपलब्ध कराई गयी है और हार्वेस्टर के साथ रीपर कम बाइंडर अनिवार्य कर धान की पराली का समुचित प्रबंध किया गया तथा अब धान की पराली जनपद में कहीं भी अवशेष नही है और धान की फसल के बाद गेहूं, सरसों, मसूर की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है।


जिलाधिकारी ने बताया कि अब जो आगजनी की घटनायें हो रही है वह गन्ना की पत्ती जलाने की संज्ञान में आयी है और इसके लिए तीनों मिलों के जीम, पांचों समितियों के सचिव, जिला गन्ना अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों को आगाह कर निर्देश दिये गये है कि कहीं भी गन्ने की पत्ती जलाने की घटनाएं न होने दें, बल्कि किसानों को बताये कि गन्ने की पत्ती को वही खेत में मल्चिंग कर मिट्टी में मिला दें जिससे मिट्टी के जीवांश कार्बन की मात्रा एवं मिट्टी की उत्पादक क्षमता बढे़गी तथा आगजनी की घटनायें नहीं होगी। उन्होने बताया कि चीनी मिलो एवं गन्ना समितियों के सचिव से कहा गया है कि मल्चर की संख्या किसानों में और बड़वा दें और उन्हें आगाह करने के साथ संदेश दें कि कोई भी किसान प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार गन्ने की पत्ती न जलायें। श्री खरे ने बताया कि इसके बावजूद 01 से 09 दिसम्बर 2019 के बीच गन्ने की पत्ती जलाने की 26 घटनायें सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त हुई और इसमे 37 किसान शामिल थे जिन्होने गन्ने की पत्ती को जलाया था, यह घटनायें शाहाबाद व तहसील सदर में अधिक संख्या में हुई।
जिलाधिकारी ने बताया कि तीनों चीनी मिलों के एरिया के अन्तर्गत से सभी गन्ना ग्रोवर किसान थे, इन सबके विरूद्व एफआईआर दर्ज कराने के साथ 120000 रू0, अर्थदंड भी लगाया गया है साथ ही 03 अधिक प्रकरण वाले तहसीलों के 06 लेखपाल, दो कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक सी को निलम्बित एवं एक एटीएम की सेवा समाप्त की गयी है और इसके अतिरिक्त 07 लेखपालों के विरूद्व प्रतिकूल प्रविष्टि, संबंधित राजस्व निरीक्षक के चेतावनी तथा घटनाओं की संख्या अधिक होने के कारण और अपने कार्यो में लापरवाही बरतने पर जिला गन्ना अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि, संबंधित उप जिलाधिकारी व तहसीलदार शाहाबाद, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार सदर, उप संभागीय प्रसार अधिकारी शाहाबाद उमेश कुमार शाहू, उप संभागीय प्रसार अधिकारी सदर बुद्वदेव द्विवेदी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी साथ गन्ने की पत्ती जलाने की घटनाओं की रोकथाम में अपनी भूमिका निभाने एवं अपने दायित्व का निर्वहन न करने पर थाना अध्यक्ष /प्रभारी निरीक्षक पचदेवरा, प्रभारी निरीक्षक थाना पिहानी एवं प्रभारी निरीक्षक टड़ियावां के विरूद्व भी कार्यवाही हेतु शासन को सूचित किया जा रहा है। उन्होने कहा है कि जनपद में कहीं भी धान की पराली एवं गन्ने की पत्ती जलाना प्रतिबंधित है, और समस्त संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र में निरन्तर भ्रमणशील रहे और यह सुनिश्चित कर लें कि कोई भी किसान गन्ने की पत्ती न जलायें बल्कि उसे खेत में मल्चिंग कर मिलाएं। उन्होने सख्ती से कहा है कि किसी भी क्षेत्र में गन्ने पत्ती जलाने की घटना प्रकाश में आयेगी तो उस क्षेत्र के संबंधित विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही की जायेगी।