ग्रामीणों ने जांच में संदेह की स्थिति भी  देखी गई

ग्रामीणों में इस जांच में संदेह की स्थिति भी  देखी गई ।


 


 



  • सिद्ध नगर प्रधान द्वारा  कराए गए विकास कार्यों में हुए घोटाले की जांच को आई टीम  को ग्रामीणों ने गिनाई खामियां


एक और सरकार जहां भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करना चाह रही है वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे हैं जिससे सरकार के मंसूबे पर पानी तो फिर ही रहा है वही भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है जो मौजूदा सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है ।


 मैं बात कर रहा हूं उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत की तहसील व विकासखंड पूरनपुर के अंतर्गत ग्राम सिद्ध नगर की जहां की प्रधान नीरज मिश्रा है। वैसे तो नीरज मिश्रा ने जब से प्रधानी संभाली है तब से अब तक उनका समय आरोप-प्रत्यारोप में ही बीता है या यूं कहें उनका विवादों से ही रिश्ता रहा है।


 इसी क्रम में कुछ दिन पूर्व सिद्ध नगर निवासी धीरेंद्र शर्मा, राजन पांडे और दिलीप यादव  समेत कई ग्रामीणों ने जिला अधिकारी को दिये शपथ पत्र में प्रधान नीरज मिश्रा पर नाली, खड़ंजा ,आवास व मनरेगा समेत तमाम विकास कार्यों को बिना कराए ही सरकारी थन निकाल लेने का आरोप लगाया है जिसकी जांच जिला उप कृषि  निदेशक यशराज सिंह द्वारा गांव में आकर की गई ।
जांच मे गांव के काफी संख्या में ग्रामीण प्राथमिक विद्यालय सिद्ध नगर के मैदान में एकत्र हो गए।


 सर्वप्रथम मंदिर से मेन रोड तक लगे खडंजे की नापतोल की गई ।
इसके बाद राजेश मिश्रा के घर से अत्ताउल्लाह के घर तक नाली निर्माण की बनवारी लाल के घर से बबलू के घर तक धीरेंद्र के घर से अनिल के घर तक मिट्टी भराव की, इसके अलावा मक्खन सिंह के घर से तरसेम के घर  समेत तमाम तरह की जांच की गई ।
इसके अलावा चेक द्वारा कयी लोगों के नाम से निकाले गए सरकारी धन गमन की जांच भी 
की गई ।



जांच के दौरान जहाँ ग्रामीणो ने  कयी खामियां गिनाई। वही जांच मे मानक के अनुरूप विकास कार्यों का होना भी नहीं पाया गया और तो और ग्राम पंचायत सचिव द्वारा मौके पर संबंधित अभिलेख भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका ।
जिसके चलते  ग्रामीणों में इस जांच में संदेह की स्थिति भी  देखी गई ।
 इस दौरान अलाउद्दीन शास्त्री ,धीरेंद्र शर्मा, मुन्ना सिंह ,दिलीप यादव, अमित कुमार और जरनैल सिंह समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे ।


जांच टीम में जिला उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ,जेई अनिल कुमार, सचिव तुलाराम और पूर्व सचिव  विजय कुमार आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।