ज्ञान का भण्डार है भागवत गीता

ज्ञान का भण्डार है भागवत गीता



गोरखपुर / गगहा 



  • भागवत गीता कथा श्रवण मात्र से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। भागवत कथा श्रवण का सौभाग्य सबको प्राप्त नहीं हो पाता है।भागवत गीता ज्ञान का भण्डार है जिसमें मनुष्य गोता लगाता रहता है फिर भी उसका छोर नहीं मिल पाता।
    उक्त बातें कथा वाचक देवरिया जनपद के एकौना निवासी पं लोकनाथ राम त्रिपाठी ने व्यास पीठ से गगहा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत अतायर में आयोजित सप्तदिवशीय श्रीमद् भागवत कथा का रसपान श्रृद्धालुओं को कराते हुए कही।
    उन्होंने कहा कि आज लोग घरों में धर्म ग्रन्थों की जगह कहानियों व उपन्यास को पढ़ रहें हैं।जिसकी देन है कि लोग संस्कार भूलते जा रहे हैं। यहां तक की लोग अपने रिश्तेदारों व मां बाप का पैर छूने में शर्म कर रहें हैं।हम लोग अपनी सभ्यता को छोड़ते जा रहें हैं और पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहें हैं।आज संस्कार की ही देन है कि संयुक्त परिवार एकल परिवार में तब्दील हो गये। कथा के आयोजक रविन्द्र नाथ राय ने श्रृद्धालुओं का आभार प्रकट किया।कथा श्रवण के दौरान पं मार्कण्डेय पाण्डेय,राजू राय, आशीष कुमार राय, महेंद्र नाथ राय, नन्हे राय नरसिंह यादव,गोलू मौर्य,उमेश पाण्डे,जय प्रकाश मिश्र सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।