कंकर-पत्थर का भोजन करते हैं ये संत

कंकर-पत्थर का भोजन करते हैं ये संत


अमेठी/सूत्र


एक सन्त किस-किस तरह की चीजें खाकर अपना पेट भरते है। यह सुनकर आप यकीनन हैरत में पड़ जाएंगे। ये सन्त मिट्टी बालू पत्‍थर जैसी चीजें न केवल खाते हैं। बल्‍कि उसे आसानी से हजम भी कर जाते हैं। कहने को तो हम सभी का अपना कोई न कोई पसंदीदा खाना जरूर होता है। उसे खाने के लिए हम हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन इससे हट के इस सन्त की कहानी है। उसकी पसंद खाना नहीं बल्कि खाने के तौर पर मिट्टी बालू और पत्थर है। उसे ईट पत्थर बालू घोलकर पीना और मिट्टी चाटना इतना पसंद है कि वो दिन भर में करीब किलोभर तक कंकड़-पत्थर खा जाते है।


मामला अमेठी जिले के गौरा प्राणी गांव का है। करीब 100 वर्ष के सती प्रसाद को किशोरावस्था से ही पत्थर खाना पसंद था। कंकड़-पत्थर खाने और बालू घोलकर पीने की हरकत कब उसकी आदत बन गई, उसको पता ही नहीं चला। यहीं नहीं वो ईंटें भी खाने लगे थे। ग्रामीणों ने बताया की बहुत कहने पर ही वह भोजन करते है। यही नही सन्त सती प्रसाद पूरे भारत वर्ष सहित कई देशों की पैदल यात्रा कर चुके है।


करीब बीस वर्ष की उम्र से ही सती प्रसाद ने कंकड़-पत्थर सहित बालू खाना शुरू कर दिया और 100 वर्ष की उम्र में भी यह जारी है। हैरानी की बात है कि वो हर रोज करीब किलो भर कंकड़-पत्थर और बालू घोलकर पीने के बाद भी ठीक है। अपने अजब खाने की आदत की वजह से उसे कभी भी पेट दर्द या कोई गंभीर बीमारी की शिकायत आज तक नहीं हुई है। बेहद शौक से ईंट-पत्थर खाने और बालू घोलकर पीने वाला इस सन्त के दांत अब बिल्कुल नही हैं ।