फर्जी स्कूल संचालकों से मधुर संबंध हैं डीईओ और डीपीसी के
छतरपुर/
- विभाग इन दिनों अपने कारनामों के चलते सुर्खियों में बना हुआ है। डीईओ द्वारा किए गए तबादलों को लेकर मंगलवार को डीईओ को हटाने के स्वर मुखर हुए और डीईओ साहब अपने आप को पाक साफ बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। इसी प्रकार डीपीसी आरपी लखेरा द्वारा भी कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों जो स्कूल का संचालन कर रहे हैं उनको संरक्षण दिए हुए हैं।
पिछले दिनों कलेक्टर मोहित बुंदस ने फर्जी रूप से स्कूल का संचालन कर रहे प्रोग्र्रेस पब्लिक स्कूल के संचालक अरविंद रावत पर एफआईआर करवाने के आदेश दिए थे लेकिन डीईओ साहब ने स्कूल संचालक से अपने मधुर संबंध होने के चलते केवल उस पर मान्यता समाप्ति का आदेश देकर शांत हो गए और मान्यता समाप्ति का आदेश भी धुंए में उड़ गया। इसी प्रकार के मधुर संबंधि डीपीसी आरपी लखेर के अरविंद रावत से होने के कारण उन्होंने भी स्कूल संचालक पर रिकवरी का आदेश दिया था लेकिन सुविधा शुल्क लेकर वह आदेश भी कचड़े के डिब्बे में डाल दिया गया।
अब सवाल यह उठता है कि इस प्रकार के कार्यों को डीपीसी और डीईओ कब तक करते रहेंगे और गरीब लोगों के बच्चे क्या कवाड़ बीनने के लिए ही पैदा होते हैं। इस फर्जी स्कूल के संचालक अरविंद रावत द्वारा 42 बच्चों की फीस का गवन किया गया लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। बल्कि यह आरोपी डीईओ और डीपीसी के आसपास घूमता पाया जाता है।