जीत गए तो वतन मुबारक* मर गए तो कफन मुबारक

*जीत गए तो वतन मुबारक*
*मर गए तो कफन मुबारक*



मंसूर अली पार्क में चौबिस दिन से एनपीआर एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे धरने मे आज युवतियों ने जहाँ हाँथो नो सीएए एनआरसी और एनपीर के साथ आज़ादी लिखे टैटू बनवा कर विरोध प्रदर्शन मे हिस्सा लिया वहीं कालिन्दीपुरम कांशीराम आवास योजना मे रह रहे दोनो आँखों से माज़ूर पति पत्नी अपने दो बच्चों के साथ मंसूर अली पार्क में चल रहे विरोध प्रदर्शन मे आगे की पंक्ति में बैठ कर काले क़ानून को वापिस लेने की मांग की।तुफैल अहमद और रिज़वाना बेगम ने बताया की हम पति पत्नी दोनो की आँखो से नहीं दिखता दो छोटे छोटे बच्चे हैं पाँच सौ रुप्ये पेन्शिन मिलती है


हम अपने परिवार का कजैसे तैसे गुज़ारा कर रहे हैं।अब जब यह काला क़ानून आ जाएगा तो न तो हम अपना काग़ज़ दिखा सकते है और न ही हम कहीं जा सकते.हैं।सरकार को हमारे जैसे देश के हज़ारो आँख पैर दिमाग़ से कमज़ोर लोगों के बारे में सोचना चाहिये।प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने काले क़ानून की वापसी न होने तक धरना चालू रखने की बात कहते हुए हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद,संविधान ज़िन्दाबाद,मंसूर पार्क की महिलाएँ ज़िन्दाबाद का नारा बुलन्द किया।इस मौक़े पर सायरा अहमद,अब्दुल्ला तेहामी,ज़ीशान रफत,इरशाद उल्ला,मो०ज़ाहिद आदि मौजूद रहे।