मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी (अजमेर) में कानून व्यवस्था बिगडऩे का डर है,

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में कानून व्यवस्था बिगडऩे का डर, इसलिए छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन नहीं हो सका।


छात्र नेता भूख हड़ताल पर।



भास्कर और पत्रिका ने मंत्री पुत्र का रुतबा बढ़ाया।  



राजस्थान के चिकित्सा एवं जनसम्पर्क मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी (अजमेर) में कानून व्यवस्था बिगडऩे का डर है, इसलिए 6 फरवरी को होने वाला छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन का समारोह रद्द कर दिया गया। केकड़ी के सरकारी कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष नंदलाल खटीक ने बताया कि उद्घाटन समारोह राजनीतिक कारणों से रद्द किया गया है। चूंकि वे एबीवीपी से जुड़े हुए हैं, इसलिए समारोह में भाजपा से जुड़े नेताओं को अतिथि के तौर पर बुलाना चाहते हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधियों को रोकने के लिए समारोह रद्द किया गया है। उद्घाटन को लेकर छात्र नेता पिछले तीन दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 6 फरवरी को भी भूख हड़ताल जारी रही। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणु ने स्वीकार किया कि 6 फरवरी के समारोह के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन कॉलेज निदेशालय के निर्देशों के बाद समारोह पर रोक लगा दी गई। डॉ. रेणु ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगडऩे को लेकर उन्होंने कॉलेज निदेशालय को कोई पत्र नहीं लिखा। सवाल उठता है कि जब प्राचार्य ने कोई पत्र नहीं लिखा तो फिर निदेशालय में बैठे अधिकारियों को कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका कैैसे हो गई? जाहिर होता है कि छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन को रोकने में राजनीतिक दखल रहा है। 
मंत्री पुत्र का रुतबा बढ़ाया:
5 फरवरी को दैनिक भास्कर और राजस्थान पत्रिका में खबर छपी कि परिवहन विभाग के केकड़ी में प्रायोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह के कार्यक्रम के बैनर में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम तक नहीं है। परिवहन विभाग के बैनर में क्षेत्रीय विधायक व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के साथ-साथ उनके पुत्र सागर शर्मा का फोटो अंकित किया गया है। इस खबर से रघु शर्मा गदगद है क्योंकि जो बात वो दर्शाना चाहते हैं, उसे भास्कर और पत्रिका ने मुफ्त में प्रचारित कर दिया। असल में रघु शर्मा यही चाहते हैं कि केकड़ी के लोग उनके पुत्र को ही बड़ा नेता माने। उनके पुत्र के सामने परिवहन मंत्री खाचरियावास क्या मायने रखते हैं? परिवहन में अधिकारियों की नियुक्ति रघु शर्मा की सिफारिश पर ही होती है। केकड़ी के मौजदूा परिवहन अधिकारी प्रकाश टहलयानी तो एपीओ थे, जिन्हें रघु की सिफारिश पर केकड़ी में नियुक्त किया गया। टहलयानी के लिए तो रघु शर्मा और उनके पुत्र ही परिवहन मंत्री हैं। रघु शर्मा की अनुमति के बगैर परिवहन मंत्री तो क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी प्रकाश टहलयानी को केकड़ी से नहीं हटा सकते हैं। जब इतना रुतबा हो तो मंत्री पुत्र की तो चलेगी ही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब अपने पुत्र वैभव गहलोत को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो फिर रघु शर्मा पीछे क्यों रहे? भास्कर और पत्रिका वाले कितनी भी खबरें छाप लें, लेकिन केकड़ी में वो ही होगा जो रघु शर्मा और उनके पुत्र चाहेंगे। विभागोंके अधिकारी तो प्यांदों की भूमिका में हैं। छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन के लिए छात्र नेता भूख हड़ताल पर बैठे या फिर परिवहन विभाग के समारोह में सागर शर्मा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने का मामला हो, केकड़ी में रघु शर्मा की ही चलेगी। प्यादे अधिकारियों को मंत्री पुत्र को बुलाना ही पड़ेगा। यह बात अलग है कि ऐसे पुत्रों को जनता ही सबक सिखाती है। केकड़ी के राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि केकड़ी पंचायत समिति के प्रधान पद पर मंत्री पुत्र की दावेदारी हो सकती है। तब पता चलेगा कि केकड़ी में पिता पुत्र की कितनी लोकप्रियता है।