पूर्वांचल के दो दर्जन से अधिक अभियंताओं पर लटक रही कार्रवाई की तलवार

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम


पूर्वांचल के दो दर्जन से अधिक अभियंताओं पर लटक रही कार्रवाई की तलवार


जांच में पूर्वांचल के 32 अधिकारी व कर्मचारी मिले दोषी


 पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 27 जिलों के 44 अधिकारियों की की गई जांच


गोरखपुर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जांच के दौरान 27 जिलों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाया है अब इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिससे समूचे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है



         मालूम हो कि 2 साल पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन तक पहुंचा था शिकायत के आधार पर पूर्वांचल के सभी 27 जिलों के 44 अधिकारियों पर जांच बैठाई गई थी जिसमें 32 अधिकारी दोषी पाए गए कुछ अधिकारियों पर आंशिक रूप से भ्रष्टाचार का आरोप सही पाया गया इन अधिकारियों पर 2 साल पहले अलग-अलग कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप था
         पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर वर्ष 2018 में संविदा कर्मियों का उत्पीड़न भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी गबन समेत कई आरोप लगे थे पूरा मामला ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के समक्ष पहुंचा ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर पूरे मामले की सघनता के साथ जांच कराई गई जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाए गए उन्हें चिन्हित भी किया गया है
        नगरी विद्युत वितरण मंडल गोरखपुर के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता इंजीनियर एके सिंह पर कई बार आरोप लगाए गए शहर क्षेत्र में अंडरग्राउंड केबल बिछाने के मामले में उन पर आरोप लगे थे इसी मामले को लेकर उनका स्थानांतरण भी किया गया था लेकिन जांच के दौरान इंजीनियर सिंह पूरी तरह दोषमुक्त पाए गए गोलघर समेत शहर के कई क्षेत्रों में लगभग 30 करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड केबल बिछाने के नाम पर धांधली किए जाने की शिकायत की गई थी
         वर्ष 2018 में कुशीनगर के अधीक्षण अभियंता पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आला अफसरों की तरफ से कार्यवाही के लिए तीन बार पत्र भेजा गया बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार में एक मंत्री की दखल के वजह से उन पर कार्यवाही नहीं हो सकी जांच में उन पर लगे सभी आरोप सही पाए गए हैं
       उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा कराई गई जांच में तत्कालीन अवर अभियंता राजेंद्र प्रसाद गुप्ता तत्कालीन कुशीनगर के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर एसके सिंह एवं जय किशोर शर्मा के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार  एवं गबन के आरोप सही पाए गए हैं
        उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा कराए गए जांच में दर्जनभर से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के दोषी पाए जाने की सूचना आग की तरह पूरे विभाग में फैल गई जिससे हड़कंप मचा हुआ है भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी अपने बचाव का रास्ता ढूंढने में लगे हैं और शासन स्तर पर बैठे अपने सगे संबंधियों से अपना जुगाड़ लगा रहे हैं