राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 1253 मुकदमों का निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 1253 मुकदमों का निस्तारण


सीजेएम सत्येंद्र प्रकाश पाण्डेय ने निस्तारित किये सबसे ज्यादा मामले


जिलाजज आरपी सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत सम्पन्न


*विशेष रिपोर्ट*:- *अरविन्द सिंह रघुवंशी*


*चित्रकूट* :-


राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को जनपद न्यायाधीश आरपी सिंह की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें आपसी सुलह-समझौते के आधार पर कुल 1253 मुकदमों का निस्तारण किया गया।



 जिला कचहरी में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रभारी सचिव नम्रता शर्मा ने बताया कि जनपद न्यायाधीश आरपी सिंह ने मोटर दुर्घटना के तीन वाद निस्तारित करते हुए चार लाख बीस हजार रुपए प्रीतिकर दिलाया गया एवं प्रकीर्ण सिविल के छः वाद एवं एक फौजदारी अपील का निस्तारण किया।अपर जिलाजज राम लखन सिंह चंद्रौल ने विद्युत के 20 वाद व मोटर दुर्घटना का एक वाद का निस्तारण करते हुए 6 लाख 75 हजार रुपए प्रतिकर दिलाया। साथ ही दो प्रकीर्ण सिविल वाद, पांच फौजदारी वाद और एक प्रकीर्ण फौजदारी वाद का निस्तारण करते हुए सौ रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया।एससी एसटी के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार द्वारा दो फौजदारी वाद निस्तारित किए गए।अपर जिलाजज सतीश चंद्र द्विवेदी ने 5 प्रकीर्ण सिविल वाद का निस्तारण करते हुए 12 लाख 56 हजार 670 रुपये दिलाए।अपर जिलाजज निहारिका चौहान ने मोटर दुर्घटना के 5 वादों का निस्तारण करते हुए 15 लाख 27 हजार रुपए का प्रतिकर दिलाया।परिवार न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश कुसुमलता ने 22 वैवाहिक वादों का निस्तारण करते हुए 2 लाख 60 हजार 900 रुपए का प्रतिकर याची को दिलाया एवं 7 जोड़ों को आपसी सुलह समझौते के आधार पर मिलाया गया।उन्होंने राजापुर निवासी राधा-राजेंद्र, शिवरामपुर की निशा-ललित, स्टेशन रोड कर्वी निवासी बुधिया-दुर्गाप्रसाद,अतर्रा निवासी सविता-राजू, नांदी राजापुर निवासी गुड़िया-रेखराज आदि का विवाद समाप्त करा कर सुलह कराई।अपर जिलाजज संजय के लाल ने मोटर दुर्घटना के दो वाद निस्तारित करते हुए 3 लाख 75 हजार रुपए का प्रतिकर दिलाया। अपर जिलाजज प्रदीप कुमार मिश्रा ने मोटर दुर्घटना के दो वाद निस्तारित करते हुए 2 लाख 95 हजार रुपए का प्रतिकर दिलाया।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्येंद्र प्रकाश पांडे ने 107 फौजदारी वादों का निस्तारण करते हुए 34 हजार 500 रुपए अर्थदंड वसूला।विधिक सचिव व सिविल जज सी डी नम्रता शर्मा ने प्रकीर्ण सिविल के चार और एक फौजदारी वाद का निस्तारण करते हुए 100 रुपये का अर्थदंड वसूला। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 फौजदारी वादों का निस्तारण करते हुए 1700 रुपए अर्थदंड वसूला। 5 घरेलू हिंसा एवं एक एनआईएक्ट के वाद का निस्तारण करते हुए 12 लाख रुपये वादी मुकदमा को दिलाया गया। सिविल जज जू डि प्रवीण कुमार द्वारा प्रकीर्ण वाद के चार वाद निस्तारित करते हुए 5 लाख 97 हजार 664 रुपए का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी किया। सिविल जज जू डि मऊ सुमित कुमार ने 27 फौजदारी वाद निस्तारित करते हुए 2150 रुपए अर्थदंड वसूला।  और एक एनआईएक्ट वाद निस्तारित करते हुए एक लाख 15 हजार रुपए वादी मुकदमा को दिलाया गया। साथ ही प्रकरण सिविल का एक वाद निस्तारित किया गया।राजस्व न्यायालयों द्वारा 665 वादों का निस्तारण करते हुए एक लाख 41 हजार 60 रुपए वसूल किया। इसी प्रकार सभी बैंकों द्वारा 290 वादों का निस्तारण करते हुए एक करोड़ 98 लाख रुपये आपसी सुलह-समझौते के आधार पर वसूला गया।इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1253 मुकदमों का निस्तारण किया गया।