उन्नाव उत्तर प्रदेश के लोग ही अब कहने लगे है कि प्रधानमंत्री साहब

*उन्नाव उत्तर प्रदेश के लोग ही अब कहने लगे है कि प्रधानमंत्री साहब आपके सपनों को चकनाचूर तो कर रहे हैं लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक जा रहा है आप का दिया हुआ खजाना कौन कराएगा इन प्रधानों की जांच।*


*उन्नाव जिले में प्रधानमंत्री की दी हुई हर योजना से जुड़ी हर एक ग्राम सभा से सरकारी तंत्र की मिलीभगत से बडे घोटाले की आ रही ‘बदबू’*


 


*चाहे हो उन्नाव जिले में 525,542 राजस्व विभाग का मामला तो वहां पर बैठे सफीपुर तहसील में  राजस्व विभाग के सरकारी कर्मचारी भूमाफिया की सांठगांठ के चलते कराया जाता है गरीब लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा और चाहे हो हर ग्राम सभा का मामला तो वही  वीडियो सकेक्टरी  की मिलीभगत से प्रधान लगाते हैं पलीता*


भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस तो जांच पर खामोशी क्यों
 
 *जनता हारकर कह रही है पीएम साहब अब तो करा लीजिए गुंडे प्रधानों की नीचे ग्राउंड लेवल से जांच*


प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत  मिशन के तहत दी गई बड़ी-बड़ी योजनाओं में उन्नाव जिले में कई हज़ार करोड़ को अधिकारियों ने किस तरह ठिकाने लगाया? इसका जिक्र हम पिछले दो संस्करणों में कर चुके है..इस बारे में एक और मजेदार जानकारी और ले लीजिए,
 जिन पांच सौ वन पंचायतों को चुना गया था वहां अभी भी पूरी तरह से तैयार नही हुई उनकी मार्केटिंग के लिए पहले दिन से 48 हजार रु प्रतिमाह पर सभी फारेस्ट डिवीजनों में मार्केटिंग अधिकारी रख दिये गए जिसमे हर साल 70.20 लाख का खर्चा आरहा है और अभी तक दो करोड़ से ज्यादा की रकम पानी की तरह बहा दी गयी है, महोदय ये बताये कि माल तैयार नही अभी पैदा भी नही हुआ और आप तीन चार सालों से मुफ्त की तनख्वाह बांटे फिर रहे हो,वो भी कर्जे के पैसों से! कमाल की बंदरबांट हो रही है! हर हर लाभार्थी से लेकर  विधवाओं की पेंशन व इज्जत घरों से लेकर प्रधानों द्वारा अपने निजी कामों में लगाया गया धन  काम वही कर रहे हैं प्रधान व सेक्रेटरी बेचारी अनपढ़ व बुजुर्ग महिलाएं सिर्फ अंगूठा तो लगवा लिया जाता है लेकिन उसकी आने वाली तनख्वाह का पता नहीं होता है और बोला जाता है हर महीने में  काम है?क्यों तनख्वाह दी जा रही है? कोई जवाब देही नही है, मान्यवर महोदय, हम फिर ध्यान देने को कह रहे है जापान से हमे सॉफ्ट लोन मिला है जिसे आने वाले वक्त में हमे ब्याज सहित चुकाना है अगर ऐसे ही कर्जे को उड़ाना था तो इस राज्य का भविष्य क्या होगा?अधिकारी ट्रांसफर हो जाएंगे, मंत्री आएंगे और चले जायेंगे कर्ज तो सरकार पर है प्रदेश की जनता पर है चुकता रहेगा, मान्यवर महोदय,अफसर रिटायर हो गए उन बुजुर्गो का यहां क्या काम करोड़ो की रकम उनकी तनख्वाह उनमे बांट दी,कंसल्टेंट्सी में करोड़ो रु फूंक डाले कोई पूछने वाला नही, बरहाल फैसला आपको करना है कि क्या जीरो टोलरेंस की सरकार इस तरह के भ्रष्टाचार में आंख मूंदे बैठी रहेगी?