वरिष्ठ पत्रकार डॉ सलमान रागिब नही रहे
उर्दू साहित्य की उत्कृष्ट सेवा के लिए उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार डॉ सलमान रागिब शुगर और गुर्दे से सम्बंधित बीमारी के चलते 54 साल की उम्र में इंतेक़ाल कर गए। वह वाराणसी के मशहूर व् मारूफ शायर शाद अब्बासी साहब के पुत्र थे । उन्होंने उर्दू भाषा के प्रचार प्रसार के लिये ज़रनिगार वेलफेयर सोसाइटी की स्थापना की थी जिसके वो डायरेक्टर थे , जिसके बैनर तले और क़ौमी कॉउन्सिल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़बान के सहयोग से भी बहुत सारे सेमिनार और अन्य आयोजन समय समय से करते रहते थे। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से डाक्ट्रेट और संस्कृत विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में मास्टर की डिग्री प्राप्त की थी । वो काफी सालों तक इंक़िलाब उर्दू दैनिक वाराणसी के संपादक रहे वर्तमान में ई टीवी उर्दू चैनल में कार्यरत थे साथ ही अहद इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर और जनता सेवा अस्पताल की कार्यकारिणी के सदस्य के साथ कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े हुए थे। उनकी जनाज़े की नमाज़ रात नौ बजे रेवड़ी तालाब की नगीने वाली मस्जिद के पास मैदान में मौलाना अहसन जमील मदनी ने अदा कराई और बागड़ बिल्ली स्थित उनके आबाई कब्रस्तान में तदफीन हुई। सुल्तान क्लब, जनता सेवा अस्पताल, अहद इंटरनेशनल अकैडमी सहित अन्य शैक्षणिक व सामाजिक संस्थाओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके जाने को उर्दू अदब की अपूरणीय क्षति बताया।